होली पर करें ये उपाय

1-यदि कोई व्यक्ति निरन्तर बीमार रहता है, और काफी दवा कराने के बावजूद भी रोग में कोई लाभ नहीं हो रहा है, तो होली दहन के समय देशी घी में दो लौंग, एक बताशा, एक पान का पत्ता इन सभी वस्तुओं को होली जलने वाली आग में डाल दें। अगले दिन होली की राख रोगी के शरीर में लगायें और तत्पश्चात गर्म जल से स्नान करायें। इस उपाय से रोगी शीघ्र ही स्वस्थ्य होने लगेगा।
2-कोई व्यक्ति अभिचार कर्म के कारण अर्थात मारण, विद्वेषण, उच्चाटन, सम्मोहन व वशीकरण से आक्रान्त हो तो वह व्यक्ति उपरोक्त विधि से होलिका की राख शरीर में लगाकर गर्म जल से स्नान कराने से नकारात्मक प्रभाव निर्मूल हो जाता है।
3-यदि किसी का पति दूसरी महिला के सम्पर्क में रहता है, तो आप होली पर उपरोक्त सामग्री अर्पित करें एंव 7 बार होली की जलती आग की परिक्रमा करें। परिक्रमा करते समय 1 गोमती चक्र अपने पति का नाम लेकर आग में डालें। ऐसा करने से महिला का पति उसके पास वापस लौट आयेगा।
4- यदि आपको ऐसा प्रतीत होता है कि किसी ने आपके उपर तान्त्रिक प्रयोग करवा दिया है, तो आप होली दहन के समय देशी घी में दो लौंग, एक बताशा, एक पान का पत्ता और थोड़ी सी मिश्री इन सभी वस्तुओं को होली जलने वाली आग में डाल दें। अगले दिन होली की राख को चांदी के ताबीज में भर कर गलें में धारण करने से तान्त्रिक प्रभाव निष्क्रिय हो जायेगा।
5-यदि कोई व्यक्ति आपका लिया हुआ धन वापिस नहीं कर रहा है, तो आप होली जलने वाले स्थान पर अनार की लकड़ी से उसका नाम लिखकर होलिका माता से अपने धन वापसी का निवेदन करते हुये उसके नाम पर हरा गुलाल छिड़क दें। इस उपाय से आपका धन मिल जायेगा।
6- यदि आप किसी से शत्रुता समाप्त करना चाहते है तो होलिका दहन के अगले दिन उसी स्थान पर रात्रि 12 बजे जाकर होली जलने के स्थान पर अनार की लकड़ी से उसका नाम लिख दें और फिर उसे बांये हाथ से मिटा दें और उस स्थान की थोड़ी सी राख लाकर। अगले दिन उस व्यक्ति के सिर पर डाल दें। ऐसा करने से वह व्यक्ति आपके प्रति शत्रुता का भाव समाप्त कर देगा।
7-यदि आपकी जन्मपत्री में कोई ग्रह दूषित हो तो आप होली दहन के समय देशी घी में दो लौंग, एक बताशा, एक पान का पत्ता इन सभी वस्तुओं को होली जलने वाली आग में डाल दें। अगले दिन उस राख को लाकर सर्वार्थ सिद्धि योग में शुद्ध करके बहते जल में प्रवाहित कर दें।
8- अगर आपको राज्यपक्ष से बाधा आ रही है तो आप होलिका के उल्टे फेरे प्रारम्भ करें। प्रत्येक फेरे की समाप्ति पर आक (मंदार) की जड़ जलती होली में डालें। इस उपाय को करने से आपको राज्य पक्ष से मिलने वाली सारी बाधायें समाप्त हो जायेगी।
9-वास्तुदोषों से मुक्ति पाने के लिए होली दहन के अगले दिन आप सर्वप्रथम अपने इष्ट देव को गुलाल अर्पित कर अपने निवास के ईशान कोण पर पूजन कर गुलाल चढ़ायें। यह उपाय करने से आपका घर वास्तुदोष से मुक्त हो जायेगा।
10- यदि किसी के उपर कोई भय का साया है तो वह होली के दिन एक नारियल, एक जोड़ा लौंग व पीली सरसों इन सभी वस्तुओं को लेकर पीडि़त व्यक्ति के उपर से 21 बार उतार होली की अग्नि में डाल दें। सारा दुष्प्रभाव समाप्त हो जायेगा।
11-यदि आपको बार-2 आर्थिक हानि का सामना करना पड़ रहा है तो आप होलिका दहन की शाम को अपने मुख्यद्वार की चौखट पर दोमुखी आटे का दीपक बनायें। चौखट पर थोड़ा सा गुलाल छिड़ककर दीपक जलाकर रख देना चाहिए। दीपक जलने के साथ ही मानसिक रूप से आर्थिक हानि दूर होने के लिए निवेदन करना चाहिए। यह उपाय कारगर सिद्ध होगा।
12- किसी बालक अथवा बड़े को शीघ्र ही नजर लगती हो तो होली दहन के समय देशी घी में दो लौंग, एक बताशा, एक पान का पत्ता इन सभी वस्तुओं को होली जलने वाली आग में डाल दें। अगले दिन होली की राख को तांबे या चांदी के ताबीज में भरकर काले धागे में बांधकर गले में धारण करने से कभी भी नजर दोष नहीं लगता है।
।। सबका मंगल हो ।।
आचार्य धीरज द्विवेदी “याज्ञिक”
(ज्योतिष, वास्तु शास्त्र एवं वैदिक अनुष्ठानों के विशेषज्ञ
संपर्क सूत्र-09956629515)