भारत और अमेरिका रक्षा क्षेत्र में अहम साझेदार हैं । दक्षिण एशिया के साथ दुनिया में बढ़ती हुई भूमिका के चलते अब भारत साझेदार है। इसी कड़ी में भारत और अमेरिका की प्लस टू वार्ता का आयोजन 27 अक्टूबर को दिल्ली में किया गया । अमेरिका की ओर से इसमें विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो , रक्षा मंत्री मार्क एस्पर और भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस . जयशंकर मौजूद रहे । दोनों देशों के बीच सहमति के बाद बेका ( बेसिक एक्सचेंजएंड कोऑपरेशन फॉर जिओ स्पेशल कोऑपरेशन ) समझौते पर हस्ताक्षर किए गए । यह समझौता भारत और अमेरिका के बीच रक्षा क्षेत्र से जुड़े चार महत्वपूर्ण समझौतों की अंतिम कड़ी है।
क्या है टू प्लस टू वार्ता
रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण साझेदार दो देशों के बीच समकक्ष स्तर की बातचीत को टू प्लस टू वार्ता कहा जाता है । दुनिया में पहली बार जापान ने इसकी शुरुआत की थी । भारत और अमेरिका के बीच सितंबर 2018 में दिल्ली में ही इसकी शुरुआत हुई थी । दिसंबर 2019 में दूसरी वार्ता न्यूयॉर्क में हुई थी ।
बेका समझौता क्या है
- ‘ बेका ‘ भारत और अमरीका के बीच होने वाले चार मूलभूत समझौतों में से आख़िरी है । इससे दोनों देशों के बीच लॉजिस्टिक्स और सैन्य सहयोग को बढ़ावा मिलेगा ।
- पहला समझौता 2002 में किया गया था जो सैन्य सूचना की सुरक्षा को लेकर था । इसके बाद दो समझौते 2016 और 2018 में हुए जो लॉजिस्टिक्स और सुरक्षित संचार से जुड़े थे।
- ताज़ा समझौता भारत और अमेरीका के बीच भू – स्थानिक सहयोग है। इसमें क्षेत्रीय सुरक्षा में सहयोग करना , रक्षा सूचना साझा करना , सैन्य बातचीत और रक्षा व्यापार के समझौते शामिल हैं।
- इस समझौते पर हस्ताक्षर का मतलब है कि भारत को अमरीकी से सटीक भू – स्थानिक ( जिओ स्पेशल ) डेटा मिलेगा जिसका इस्तेमाल सैन्य कार्रवाई में बेहद कारगर साबित होगा।
- इस समझौते का एक महत्वपूर्ण हिस्सा यह है कि अमेरीकी सैटेलाइट्स से जुटाई गई जानकारियां भारत को साझा की जा सकेंगी । इसका रणनीतिक फायदा भारतीय मिसाइल सिस्टम को मिलेगा । इसके साथ ही भारत उन देशों की श्रेणी में भी शामिल हो जाएगा जिसके मिसाइल हज़ार किलोमीटर तक की दूरी से भी सटीक निशाना साध सकेंगे।
- इसके अलावा भारत को अमेरीका से प्रिडेटर – बी जैसे सशस्त्र ड्रोन भी उपलब्ध होंगे । हथियारों से लैस ये ड्रोन दुश्मन के ठिकानों का पता लगा कर तबाह करने में सक्षम हैं।
बेका समझौते के बाद दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने आतंकवाद और विस्तारवाद के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता जताई है । आतंकवाद के खिलाफ दुनिया के सामने अपनी बात सबसे जोरदार तरीके से रखने वाला भारत अब अमेरिका के साथ अहम समझौते कर रहा है । अमेरिका , जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ क्वॉड समूह में भारत भी अहम साझेदार है । भावी चुनौतियों और आतंकवाद के मुद्दे पर भारत को हमेशा से इन देशों का साथ मिलता रहा है ।