Fool’s Gold झूठा-सोना

झूठा सोना ( Fool’s Gold ) किसे कहते हैं ? ‘ झूठा सोना दरअसल प्रकृति से प्राप्त होने वाला एक खनिज है । इसे आयरन डाइसल्फाइड़ या आइरन पाइराइट कहते हैं, यह रत्न की श्रेणी मे भी आता है। यह पीतल जैसी पीले रंग की चमकदार धातु होती है, इसलिए कभी-कभी इसे देखकर सोने का भ्रम हो जाता है, और यही कारण है कि इसका नाम ‘झूठा सोना’ पड़ा है। इसे माक्षिक भी कहते हैं।

पाइराइट्स सोने से बहुत सख्त और भुरभुरा होता है , इसीलिए उसे अलग पहचाना जा सकता है । पाइराइट शब्द ग्रीक भाषा के पाइर ( pyr ) शब्द से बना है , जिसका अर्थ है आग ( fire ) । वास्तविकता तो यह है कि पाइराइट जब लोहे से टकराता है तो इसमें से आग की चिंगारियां निकलती हैं। पाइराइट के जले हुए अंश प्रागैतिहासिक काल के कब्रिस्तानों में पाये गये हैं । इससे स्पष्ट होता है कि आदिम युग में इस पदार्थ को आग जलाने के काम में लाया जाता था ।

झूठा- सोना

माक्षिक या पाइराइट (Pyrite) एक खनिज है जो लौह और गंधक का यौगिक (Fe S2) है।शुद्ध पाइराइट में 46.67 प्रतिशत लोहा और 53.33 प्रतिशत सल्फर होता है । यह खनिज पूरे विश्व में फैला हुआ है और खनिज निर्माण की विभिन्न परिस्थितियों में निर्मित हो जाता है । इसके बहुत बड़े भंडार रूपांतरित चट्टानों ( metamorphic rocks ) में मिलते हैं।

लौह खनिज होते हुए भी पाइराइट का उपयोग लौह उद्योग में नहीं होता, क्योंकि इसमें विद्यमान गंधक की मात्रा लोहे के लिए बड़ी हानिकारक होती है। पाइराइट का महत्व इस खनिज से उपलब्ध गंध के कारण है। गंधक से गंधक का अम्ल तैयार किया जाता है, जो वर्तमान युग के उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण रसायन है।

पाइराइट बहुतायत में स्पेन , अमेरिका , इटली , नार्वे , जापान , कनाडा , पुर्तगाल और चैकोस्लोवाकिया में पाया जाता है । पाइराइट सल्फूरिक अम्ल ( sulphuric acid ) बनाने के काम आता है । यह गन्धक और सल्फर डाइआक्साइड निर्माण का भी बहुत बड़ा स्रोत है ।

इस खनिज में गंधक की इतनी बड़ी मात्रा होती है कि जलना शुरू होने पर यह बिना किसी बाहरी मदद के जलता रह सकता है । लोहा प्राप्त करने के लिये इससे बेहतर खनिज उपलब्ध हैं , इसलिए पाइराइट को लोहा निकालने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता ।